मैं कवियों से | अविनाश मिश्र

मैं कवियों से | अविनाश मिश्र

मैं कवियों से न मिलने वाला ठहरा
क्योंकि फिर मैं उनकी फिक्र करने वाला हुआ
मैं उनसे बात नहीं करने वाला हुआ
क्योंकि फिर मैं उन्हें मना नहीं करने वाला ठहरा
मैं उनके काम नहीं लेने वाला ठहरा
क्योंकि फिर मैं नहीं थकने वाला हुआ
मैं उनकी फिक्र में
उनकी बातों में
उनके कामों में
नहीं सोने वाला ठहरा
क्योंकि अगर सो रहा
तो फिर कोई कितना ही जगाए मैं नहीं उठने वाला हुआ

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