सच्ची कोमलता | ऐना अक्म्टोवा

सच्ची कोमलता | ऐना अक्म्टोवा

सच्ची कोमलता चुप्पी है 
और इसे कुछ और नहीं माना जा सकता है 
व्यर्थ ही उद्दाम इच्छा से तुम 
ढक रहे हो मेरे कंधों को फर से; 
व्यर्थ में तुम कोशिश करते हो 
पहले प्यार की खूबियों पर यकीन दिलाने की 
अर्थ जानती हूँ मगर मैं अच्छी तरह 
तुम्हारी निरंतर जलती निगाहों का

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