मैं और देश | अंकिता आनंद
मैं और देश | अंकिता आनंद
630 रुपये के
मेरे होटल के कमरे में
एल।सी।डी। टीवी थी,
रजाई नहीं।
अपनी चादर को
पाँव जितना फैलाने की कोशिश में
बंद एल।सी।डी। निहारते
मैं सो गई।
कुछ समय के लिए
मैं देश हो गई।
मैं और देश | अंकिता आनंद
630 रुपये के
मेरे होटल के कमरे में
एल।सी।डी। टीवी थी,
रजाई नहीं।
अपनी चादर को
पाँव जितना फैलाने की कोशिश में
बंद एल।सी।डी। निहारते
मैं सो गई।
कुछ समय के लिए
मैं देश हो गई।